जीने के बदले है ढंग – A Social Media Life !
जीने का कुछ ढंग बदला, हमने भी अपना रंग बदला.. छत पर एंटीना की जगह , अब डिश टीवी ने ले ली.. कपड़े मे T-shirt का चलन बढ़ गया.. पर …
जीने के बदले है ढंग – A Social Media Life ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
जीने का कुछ ढंग बदला, हमने भी अपना रंग बदला.. छत पर एंटीना की जगह , अब डिश टीवी ने ले ली.. कपड़े मे T-shirt का चलन बढ़ गया.. पर …
जीने के बदले है ढंग – A Social Media Life ! Read Moreसब बिखरा सा .. क्या क्या समेटू इन दो हाथों मे ? वो परेशां थे.. पर उनकी बड़ी ही चाहत थी,हमे आजमाने की ! खामोश हूँ खरा .. देख रहा …
सब बिखरा सा ..More Than A Poem Read Moreऑफिस के खिड़कियों से यूँ ही बाहर होते झमाझम बारिश को देखर मना झूम उठा और कुछ बचपन की यादें ठहर सी गयी …मन में सावन लाने को आतुर बरस …
एक नाव चलाये कागज़ का ही सही ! – A Rainy Thoughts Read Moreआज मे अपने गाँव चला … कुछ ममता मिल जाये आँचल की, आज फिर उनको लेने चला ! जिन गलियों मे बीता मेरा बचपन, आज फिर उनको जीने चला ! …
आज मे अपने गाँव चला …Going To Home ! Read Moreयूँ बैठे थे की हवाओ ने रुख बदला और कुछ फुहारों ने मन को हर्षित कर दिया और कुछ मन मे आये भाव… देखो बह रही ये कैसी बहार, बरसी …
आई रे आई ये रिमझिम फुहार ! ! – It’s A Rainy Day Read Moreअब मुझे कोई इन्तेजार कहाँ ! तेरी मायूसी का ऐतबार कहाँ ! यूँ भागे है किस तरफ तब से , की अब हमे चैन कहाँ ! पिघल जाये ये दिल …
अब मुझे इन्तेजार कहाँ ! – A Poem Read More