यारों कभी तो अकेला छोड़ो -Treasured and Cherished

यारों कभी तो अकेला छोड़ो, थोड़ा हम भी रो ले कभी … हर मोड मे यूँ मिल जाते हो , कैसे माने चले गए थे कहीं . ख़ामोशी का सबब …

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सूरज ने दो जगह से उगना शुरु कर दिया …

थोरा ढला ढला,झुका झुका सुबह था आज का, सूरज भी था कहीं खोया था आज मेरी तरह, ठण्ड हवा की थोरी कंप कपी, छु रही थी जैसे ; माँ ने …

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इन्द्रधनुषी रंग जिंदगी के …My LifeStream -1

यूँ रफ़्तार बहुत ही तेज थी … टुकड़ो टुकड़ो को समेटा.. देखो बन रहा इन्द्रधनुष सा …कुछ रंग थे इस तरह … (चाँद ने क्या लिखा रात की हथेली पर …

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I am competing with Myself – Life Motivating Poem By हरिवंश राय बच्चन

वक्त के किसी दोराहे पर खरे ! अच्छाई और बुराई के अंतरद्वंद में घिरे ! हरिवंश राय बच्चन जी की कुछ पंकियो को , आप अपने जिंदगी के बहुत करीब …

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गर्व हमे की हमने तो भारत भूमि पर जन्म है पाया ! !

गर्व हमे की हमने तो भारत भूमि पर जन्म है पाया ,बचपन से ही इस माटी में लोट पोट इठलाया ! जरा देखो कृषक की बातो को, इनके सीनों पर …

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