अब मुझे इन्तेजार कहाँ ! – A Poem
अब मुझे कोई इन्तेजार कहाँ ! तेरी मायूसी का ऐतबार कहाँ ! यूँ भागे है किस तरफ तब से , की अब हमे चैन कहाँ ! पिघल जाये ये दिल …
अब मुझे इन्तेजार कहाँ ! – A Poem Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
अब मुझे कोई इन्तेजार कहाँ ! तेरी मायूसी का ऐतबार कहाँ ! यूँ भागे है किस तरफ तब से , की अब हमे चैन कहाँ ! पिघल जाये ये दिल …
अब मुझे इन्तेजार कहाँ ! – A Poem Read Moreतू भी मेरे ठोकरों पर हँस ले , हाथ छोर कर जो चला हु तेरा ! परेशा ना हो मेरी गिरते सम्हलते कदमो पर , कदम जब बढ़ा ही दिया …
तू भी मेरे ठोकरों पर हँस ले – A Thought Read Moreशब्दो के दरमियाँ फासले बहुत थे , पर कुछ बातें तो निकली जुबान से ! अनसुनी न थी बातें मेरी , मगर गुस्ताख़ी का नाम दे गये ! यूँ तो …
शब्दो के दरमियाँ फासले बहुत थे – A Random Thoughts Read Moreहोली रंगों के त्यौहार पर – अपने घर से दूर मेरे मन ने रंगा दिया कई रंगों में .. हम रंगों से दूर उमंगो से दूर ! ! वो क्या …
होली – इन आँखों में जो रंग है – My Holi 2010 Read Moreशांति सादगी का प्रतीक ! ! गुलाबी शहर जयपुर दोस्तों के संग एक खुशनुमा सुबह और उनमे खो गयी गुलाबी शहर की यादें ! प्राचीन धरोहर को संजोती ये धरती …
एक दिन गुलाबी शहर जयपुर में – MY Jaipur Visit Read Moreएक खास , कोई पास , एक अजनबी अहसास , कुछ दबी , कुछ छुपी ये है जज्बात ! मन के तरंगों में उठती कोई बात , चुपके से छू …
प्यार – वेलेंटाइन – अपनी अभिव्यक्ति Read More