धुंध में अजनबी
धुंध के दोनों पार बैठे हम वहम भी है होने का और नहीं भी तुम भी बोलते कभी कभी कभी कभी कुछ मैं भी कहता हूँ धुंध में खोये दो …
धुंध में अजनबी Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
धुंध के दोनों पार बैठे हम वहम भी है होने का और नहीं भी तुम भी बोलते कभी कभी कभी कभी कुछ मैं भी कहता हूँ धुंध में खोये दो …
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सर्द हवाओं ने ये महसूस कराया; फ़िक्र लौट आयी थी उनकी आज ! फिर कुछ सरसरी हवा छु गयी होगी, फिर अब बचपन लौट गयी होगी ! ना मानी होगी …
शीत की आँगन ! Read More
लगे खेत में पूस के मेले, सरसों अरहर मस्ती में खेले ! ठीठुरी पुरवा पवन बहके है हौले..अलसी व गेहूँ की बालियाँ डोले ! विहंग तरंग बांस पर झूले,खेत पर …
पूस के मेले – Winter @ India Read More