
इक रात की बात !
अब नींद झपकियों से परे हो रहा था, आँखों में आकुलता सी छा रही थी, बोरी सी भर के जिंदगी को ले चली, फरॉटा गाड़ी सांय सांय करते हुए ! …
इक रात की बात ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
अब नींद झपकियों से परे हो रहा था, आँखों में आकुलता सी छा रही थी, बोरी सी भर के जिंदगी को ले चली, फरॉटा गाड़ी सांय सांय करते हुए ! …
इक रात की बात ! Read Moreकुछ अधूरी सी लगती है बात,देखता हूँ रात में लिपटी,चाँद की उस सूरत को,जो आज अधूरा ही आया था… सन्नाटे छूती जाती चुपके से,बावरे से बयार उठते है,और छु जाते …
चौथे पहर की अधूरी बातें Read Moreमेरे द्वंद से तुम सब को खामोश होते देखा, देखा मैंने शिकन की रेखाओं को उभरते.. ना जता सका देखा तुझे चुप चाप कुछ सहते हुए ! क्यों किस उम्मीद …
मसखरे की ख़ामोशी का क्या Read Moreहजारे हजार अब जलने दो, साख को मशालो में भरने दो, अब लड़ना है दुह: शासन से, मद में सत्ता ने पी मदिरा, देश चलाने का बस है झगड़ा ! …
बस देखो ढूंडो यही कहीं होगी गांडीव परी – India’s Independence Day Read Moreवो कलह की दास्तान कहते रहे ! और कोलाहल में अनसुना करते सभी ! बातें फेहरिस्त लंबी हुई इतनी, जेहन में कुछ समाते ही नही सभी ! कोई मानता ही …
कुछ तलाशते रहे सभी ! Read Moreकई रातें लंबी बीती थी सदियों जैसी, ऐसी तंग गलियों में युग सा था चाँद को देखा, याद हमें एक आती है जब साँझ पसरते .. उमस सी सावन होती …
रात के नभ चल तारों को देखा ! Read More