प्राइम् टाइम – 2 में आज हम काले है तो क्या हुआ (व्यंग्य)

सरकार की सुस्तीकरन नीति से आज देश जहाँ तहाँ जल रहा, सर जी तुष्टि करण, सब गुड गोबड़ कर ही दिए अबे.. यार बीच में मत बोलों टेम्पो बिगड़ जाता …

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प्राइम् टाइम में आज .. कहने दो जी कहता रहे .. याहू !! (व्यंग्य)

सर जी १२ -१ बज गया है रात का .. ऊँघा गये होंगे सब प्राएम् टाइम कैसे ! धत बुरबक अभी तो नहा धो के सब फेसबुक ट्विटर पर आये …

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वंडरलैंड से कुछ बातें – Tell The World Who You Are !!

आज फिर वंडरलैंड से कुछ बातें .. इस शहर की कुछ बातें ! सुबह की ठंडी होती चाय को छु के महसूस करते की अभी भी कुछ देर इसे उलझाया …

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शहर शहर का दोपहर …

शहर शहर का दोपहर भी अलग ही होता, अपने शहर में रोज दोपहर होता था, रोज शाम और रोज सुबह ! महानगर की घड़ी में जरुर कुछ समस्या सी लगती …

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** मनसा वाचा कर्मणा**

** मनसा वाचा कर्मणा** एक प्रगतिशाल चिंतन के लिए जरुरी है – विरोध ! ! अगर आपका विरोध नहीं हो रहा तो, तो शायद आप किसी कार्य में प्रगतिशील नहीं …

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