महानगर की ओर …
दुरी है या खाई है फर्क मालूम ही नहीं पड़ता ; गिने चुने महानगर तक सिमट कर रह गया है देश ; खबरें वहीँ की वहीँ बनती है वहीँ संवरती …
महानगर की ओर … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
दुरी है या खाई है फर्क मालूम ही नहीं पड़ता ; गिने चुने महानगर तक सिमट कर रह गया है देश ; खबरें वहीँ की वहीँ बनती है वहीँ संवरती …
महानगर की ओर … Read More
खेती व्यवसाय नहीं है ; कैसे होगा मिट्टी वाला पैर से उ लक्ज़री पॉलिश वाला मार्बल खराब नहीं हो जायेगा ! ” भारत एक कृषि प्रधान देश है ” ; …
प्राइम टाइम – खेत खलिहान से (व्यंग्य) Read More
आज वंडरलैंड से बातें नहीं; आज कुछ अतीत के पन्नों में चलते है ! एक दशक पूर्व .. नब्बे का दशक ; कोई टाइम मशीन नहीं शब्दों के माध्यम से …
लालटेन युग – अंधकार से प्रकाश का एक सफर ! Read More
#इनबॉक्स_लव उस पुरे कतार में एक पुराना संवाद तुम्हारा अभी तक बचा हुआ है; सब मिटा देता हूँ किस्तों और बजारों के खबर; नहीं मिटा पाता वो आखिरी संवाद; शायद …
Love in Inbox – #इनबॉक्स_लव Read More
बोझिल शाम से सुकूने रात और पुरानी जीन्स का सफ़र कुछ इस तरह है की … रोज ही ये सफ़र शुरू होता और रोज ही हमें चलते इस तरह जब …
बोझिल शाम से सुकूने रात – पुरानी जीन्स के संग !! Read More