दो बीघा धर्म … !!
टीवी . . अख़बार. . रेडियो. . संसद. . रोड. . बाजार. . चौक. . चौराहा. . !! देह . . दिमाग . .पेट . . सब जगह धर्म चढ़ …
दो बीघा धर्म … !! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
टीवी . . अख़बार. . रेडियो. . संसद. . रोड. . बाजार. . चौक. . चौराहा. . !! देह . . दिमाग . .पेट . . सब जगह धर्म चढ़ …
दो बीघा धर्म … !! Read More
फिर देर से .. दिन ही नहीं रात गुमशुदा सा लगता है ; ये जिंदगी की कैसी किश्तें अदा कर रहे ; वो जो मायूस सा सहयात्री है अजनबी ही …
फिर देर से ..Late again when I get home !! Read More
गिरह ऐसी भी नहीं थी की टूट जाती, हाँ कुछ बन्धन जो वक्त, मायूसी, खामोशी के थे ..सब आजाद है अब ! मैं इस इल्जाम का इतना भी हक़दार नहीं …
गिरह – Knot of Life : #Night & #Pen ! Read More
एक कैनवास मन में बनता है ; उस जगह जाकर लगता कुछ देर और रुक पाता तो तस्वीर इसकी जेहन में पूरी सी बैठ जाती ! पर उस रस्ते के …
शब्दों का कैनवास – Words on Canvas (Night & Pen) : #SK Read More
On rooftop .. white lampost reminding some memories of relive days .. some solitude moment when i put hands on railing of rooftops and keep looking this night lamps … …
Life @ Rooftop #ZindgiLive Read More
आज वंडरलैंड से बातें नहीं; आज कुछ अतीत के पन्नों में चलते है ! एक दशक पूर्व .. नब्बे का दशक ; कोई टाइम मशीन नहीं शब्दों के माध्यम से …
लालटेन युग – अंधकार से प्रकाश का एक सफर ! Read More