जरुरी था ….
तुम्हारा कहना और मेरा बस सुनते जाना जरुरी था मन के एक उबाल का शब्दों में समा जाना और फिर तर से गले से कुछ न कह पाना दोनों तरफ …
जरुरी था …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
तुम्हारा कहना और मेरा बस सुनते जाना जरुरी था मन के एक उबाल का शब्दों में समा जाना और फिर तर से गले से कुछ न कह पाना दोनों तरफ …
जरुरी था …. Read More
पेड़ों की झुरमुटों में कैद दिन और इस दिन की गिरफ्त में जिंदगी कितनी तपिश है पत्तों पर आग सी आभा जो जलाने को आतुर कुम्हला के भी मुस्कुराती ये …
झुरमुटों में कैद दिन Read More
इस शाम में कुछ उदासियाँ अब ढलते सूरज के साथ और चढ़ गयी बढ़ गयी है भींगे आँखों में नमी और अँधेरों में खो गयी सुलह के सब रास्ते बंद …
इस शाम में … Read More
तुम अपने ताल्लुक के, अबूझ हिस्सों में मुझे कभी देखना, उस ओर भी एक दिलचस्प इंसान है, बिलकुल तुम्हारी उम्मीदों की तरह का ! उम्मीदों के पहाड़ सा ढक दिया …
अहसासों को कभी पूछना … Read More
जनता की सेवा के लिए हो गया, पिता पुत्र में भी तकरार, ये है यूपी का चुनाव-प्रचार ! इधर के उधर गए, और उधर के नजाने किधर गए, मिल बैठे …
यूपी का चुनाव-प्रचार Read More
बातों का सिलसिला अब वैसा नहीं चलता, लम्बी फेहरिस्त होती थी बातों की, मैं पहले तो मैं पहले की तकरार, अब रुक रुक कर कभी कभार मैं कुछ पूछता, और …
तुम भी कभी बहुत बोलते थे…. Read More