इश्क़ – 4
इश्क़ के कुछ रंग ऐसे भी .. इस आदतन ख़ामोशी की वजह इतनी है, तुझे कुछ कहके दिल अपना दुखा लेता । #यूँही #Ishq बस चिट्ठियों को मिले मुक्कमल पता, …
इश्क़ – 4 Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
इश्क़ के कुछ रंग ऐसे भी .. आओ रूठे से चेहरे को मनायें, इश्क़ है तो वो गिला भी करेगा । #इश्क़ इश्क़ आँखों से कैसे छलके, पेशानी पर शिकन की …
इश्क़ – 2 Read More
इश्क़ के कुछ रंग ऐसे भी .. वो सुई धागों में उलझी उलझी कहीं, कुछ नए रिश्तों में टाँके लगा रही थी !! #इश्क़ पायलों को नहीं है तहजीब का …
इश्क़ – 1 Read More
रात के तमाम पहर में वो चाँद अकेला रहा, कोई सिरफिरा आता तो लैम्पपोस्ट पर चढ़ चाँद से दो बातें कर लेता । तमाम रात उसे कुछ बादलों ने घेरे …
रात और चाँद Read More
हर रोज, सुबह की खिली धुप, और पंछीयों की चहचहाट, सी याद आओ तुम ! तुम्हारी बातें, खबर अख़बार की, हर सुबह हर पन्नों पर नजर आओ तुम ! चाय …
हर सुबह लौट आओ तुम … Read More