ए जिंदगी तुझे कुछ ऐसा ही समझा !
किन सपनों को तलाशे, जिसे अधखुले आँखों ने कभी आने ही ना दिया ! या जिन्हें नींद के सौतेलेपन ने, आने से पहले तोड़ दिया ! वक्त की उड़ानो ने …
ए जिंदगी तुझे कुछ ऐसा ही समझा ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
किन सपनों को तलाशे, जिसे अधखुले आँखों ने कभी आने ही ना दिया ! या जिन्हें नींद के सौतेलेपन ने, आने से पहले तोड़ दिया ! वक्त की उड़ानो ने …
ए जिंदगी तुझे कुछ ऐसा ही समझा ! Read More
गली गली भूले है कई रस्ता ! पीठ झुकी कैसा है ये बस्ता ! खाक से सपने देखते हो , नींद रहा अब इतना क्या सस्ता ! देख चेहरे रुखी …
हर सुकून तुझमें ही बसता ! Read More
आज रात काली काली सी, कुछ रंगीली सवाली सी, अँधेरे में चुपके से बादल, छा गए जैसे वो पागल !! बुँदे दिखी बचपन की पहेली, पैर पटक बच्चों सी खेली, …
कल रात की बारिश – A Rainy Night Read More
यह चक्रव्यूह था जिसको ना जाना, और राम ने शायद मन में क्या ठाना ! थे संशय में अर्जुन गांडीव धरे, इस चक्रव्यूह में क्यों राम परे ! हर राह …
इस चक्रव्यूह में क्यों राम परे ? Read More
कुछ यूँ हुआ … हाथों में गुब्बारे थे रंगीले सबके, और कुछ छुपा रखा था खंजर जैसा ! कदम जब जब बढ़े थे हमारे , राह क्यों बन गया था …
हाथों में गुब्बारे थे रंगीले ! Read More
अनजाने में खुद ही खीच ली उम्मीदों की रेखा, अब पार जाना आसान सा नही हो रहा, खुद ही पंख पसारे उड़े थे इन आसमां में कभी, आज सहमे से …
चल दौड़ लगाये एक बार फिर, कहाँ गया तेरा हौसला ?? Read More