अर्थविहीन – Meaningless
द्वन्द क्यों उठ गया आज, जैसे अतीत खाते गोते लम्हों में, दीवार पुरानी दरारे सीलन भरी, बोझिल सा हुआ इरादा सहने का, सुनी एक आवाज खुद से उठती ! ढाई …
अर्थविहीन – Meaningless Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
द्वन्द क्यों उठ गया आज, जैसे अतीत खाते गोते लम्हों में, दीवार पुरानी दरारे सीलन भरी, बोझिल सा हुआ इरादा सहने का, सुनी एक आवाज खुद से उठती ! ढाई …
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हर मोड मे यूँ मिल जाते हो, कैसे माने चले गए थे कहीं ! ख़ामोशी का सबब ले बैठते जब हम, तो चुपके से गुन गुनाते हो कहीं ! मायूस …
यारों बीते ना ये पल कभी ! Read More
वो कलह की दास्तान कहते रहे ! और कोलाहल में अनसुना करते सभी ! बातें फेहरिस्त लंबी हुई इतनी, जेहन में कुछ समाते ही नही सभी ! कोई मानता ही …
कुछ तलाशते रहे सभी ! Read More
कई रातें लंबी बीती थी सदियों जैसी, ऐसी तंग गलियों में युग सा था चाँद को देखा, याद हमें एक आती है जब साँझ पसरते .. उमस सी सावन होती …
रात के नभ चल तारों को देखा ! Read More
यूँ राह में, डगर में, छोड़ के चले जो हमसफर .. मगरूर बन, आवाज न देंगे, मेरे हमसफर ! गुजरे पल बीते, जैसे बीते गये हर पहर .. गुम से …
मेरे हमसफर Read More
Calipso like Music around.. Flex of Techno might together.. My affections get flavored Pour colors on slaty Papers.. Life makes me on go closer, I am a Night Rider ! …
Night Rider New Way 2 Go ! Read More