झींगुर – Now Life on Urban Ladder
याद है वो सन्नाटा दस सवा दस का,वो गाँव में जाते कभी छुट्टियों की रात,झींगुरों की झन्न सी अनवरत ध्वनि,आज भी कौतुहल सी करती मन में ! ये आवाज सन्नाटे …
झींगुर – Now Life on Urban Ladder Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
याद है वो सन्नाटा दस सवा दस का,वो गाँव में जाते कभी छुट्टियों की रात,झींगुरों की झन्न सी अनवरत ध्वनि,आज भी कौतुहल सी करती मन में ! ये आवाज सन्नाटे …
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चाँद रात की आगोश में था छुपा छुपा,दिन हुए फिर ओझल हुआ जा रहा वही !ये कौन है जो इन से परे हक़ बता रहा कोई,वक़्त की सारी कोशिशे है …
एक कोई – Anonymous Thoughts of Morning Read More
जिन पौधों को तुम सींचते,आज देखो खिल खिला बुला रहे तुम्हें ! आसमां से ओझल होते तारे सारे,कह रहे जाते देखो हो गयी तेरी सुबह ! कोई सोच रहा, आज …
तेरी सुबह – Your Morning Read More
ऐसे तो कुछ कहीं बातें थी उस दिन, जैसे अनमने ढंग से टालने की कोशिश और मन समझ लेता दूर उठते हर तरंगों को !उस दिन पूछ ही लिया, की …
Words of Night – In Night & Pen Read More
उलझनों भरी राहें ऐसी..मंजिल से अनजान बन,जिन्दगी बसर जरुर हो जायेगी ! आदतन रात की गोद में सर रख,ज्यों ही कुछ सोचते,और सुबह हो जाती,ये बड़ी वक़्त पाबंद घढ़ीयाँ,कुछ रुक …
जिन्दगी बसर जरुर हो जायेगी – Life Left To Go Read More
चाँद की पंखुरियाँ सिमट गयी,हरी पत्तियां और कोपले,निकले अपने खोले आँखे,देखो छोटे छोटे चिड़यों के बच्चे,उनके कलरव तुझसे ही मिलते है,आके जरा देखो तो उन्हें,जो आ गयी है तेरी मुंडेरों …
एक सुबह कुछ ऐसे .. ! Bird, Butterfly & Morning Read More