उस रास्ते ….
उस रास्ते पर वो रोज जा के बैठ जाता, कितनी सुबह पता नहीं .. थपेड़े उसके जिंदगी में ज्यादा होंगे, हर मौसम उसे सर्द सा लगता है, हवायें ना बदलती …
उस रास्ते …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
उस रास्ते पर वो रोज जा के बैठ जाता, कितनी सुबह पता नहीं .. थपेड़े उसके जिंदगी में ज्यादा होंगे, हर मौसम उसे सर्द सा लगता है, हवायें ना बदलती …
उस रास्ते …. Read More
किसी आँगन की खामोशी को देखा है, ना क़दमों की आहट है कोई, ना पायलों की रुनझुन ही बजते, ना किलकारी ही गूँजती अब, ना कोई रूठता ना रोता है …
किसी आँगन की खामोशी ……. Read More
पुराने बटुए में कुछ कागजों के बीच, कुछ महफूज़ रखा है हमने यादों को ! अनेकों आधे अधूरे लम्हों को, थोरा थोरा जिक्र करके रखा है हमने ! अनेकों छोटे …
कुछ कागजों के बीच – The Memory In My Old Wallet Read More
बहुत दूर से ये रिश्ता, धुँधला धुँधला सा लगता, कभी कभी आकर वो इसे, इक नाम दे जातें है ! हाँ में रुकसत भी नहीं करता, ना ही थामता हूँ …
दूर से ये रिश्ता … Read More
सुबह किस सफर पर फिर चले, फिर किसी शाम को आज ले लौटे; ना कहीं पँहुचते है ना बढते है; बस अनवरत यूँ ही रोज चलते है ! कुछ …
अनवरत यूँ ही रोज चलते है ! Read More
किसी रोज की दूसरी बारिश थी, बुँदे इस तरह कांचों से फिसल गये, जैसे धुल गये अवसाद कितने पुराने, लिपटते रहे बूंदें कांचों से कितने भी, रिश्ते कच्चे थे हाथों …
हाथों से फिसल से गये … Read More