जीवन अनंत है इन दो ध्रुवों के बीच !

इन बारह मासों में सूरज को को देखा आते जाते, दो ध्रुवों के बीच की सतत यात्रा का जीवन ! ऐसे ही जैसे किसी ध्रुव से कभी शुरू हुआ अपना …

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स्नेह भी कभी मरता क्या ?

स्नेह भी कभी मरता क्या, फासलों से ये खामोश पड़ जाता, कुछ बातों से आँखों में तर हो जाता ! बेजान बेजार ही रह ये जाता मन में, सोचता फिक्र …

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गुलाबी चूड़ियाँ – Poetry & Memoirs of School Days

सही सही याद नहीं कौन सा वर्ष रहा होगा .. स्कूल में हिंदी की क्लास में आज इक नयी कविता को पढ़ना था ! आचार्य जी ने कहना शुरू किया …

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एक जहाँ फिर छुटा – #Sk Triveni Poetry

इतनी दूर सफ़र पर हो आये साथ चलते, जब एक अजनबी से जाना अपना नाता, फिर क्यों एक लम्हा हमसे इस तरह रुठा ।1। निभाते रह गये हर वो रिश्ता, जिसमे …

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कब तक यूँ रहता यहाँ ऐसा ही !!

बिखरा बिखरा सा कुछ दिनों से, बड़ी मुश्किलों से मिलता था .. यादों का कुछ टुकड़ा ! कागजों पर लिखी कई नज्में, बिखरे दरख्तों पर दब सी गयी, पुराने पत्तों …

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