 
			इस तरह जिन्दगी से कुछ पल उधार लेता हूँ !
रात के सुकूं के दो पल इस तरह संवार देता हूँ , सारे थके थके रिश्तों को उतार देता हूँ, भूल जाता हूँ कुछ पल के लिए गम सारे, इस …
इस तरह जिन्दगी से कुछ पल उधार लेता हूँ ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
 
			रात के सुकूं के दो पल इस तरह संवार देता हूँ , सारे थके थके रिश्तों को उतार देता हूँ, भूल जाता हूँ कुछ पल के लिए गम सारे, इस …
इस तरह जिन्दगी से कुछ पल उधार लेता हूँ ! Read More 
			आज फिर सदियों के बाद वही पुरानी आहट सी थी, जो भुला नहीं हूँ अब भी जेहन में बची एक हसरत सी थी । कुछ दो शब्दों पर तर हो …
आज फिर सदियों के बाद वही पुरानी आहट सी थी ! Read More 
			तुम थे तो कुछ लिख लेता था, तुम फिर आते तो एक नज्म होती ! इस शहर से उस शहर जाने में, तुम भूल आये वो पौधा .. हर सुबह …
सूखे रिश्ते … Like A Dying Leaves Read More 
			दासता को तोड़ वर्षों पहले फेंका, और फिर था आजाद अपना जहाँ । जिस जंजीर को हमने उतार फेंका था, कड़ियाँ उसकी फिर हर तरफ जुड़ती जा रही, आजादी अपनी …
तन मन से नमन हो अपने वतन की – #HappyIndependenceDay Read More 
			यहाँ जिंदगी से जी नहीं भरता, तुम किस उल्फ्तों में खोये रहते हो ! उदास शाम में देखों लौटते चेहरों को, सब आगोश है नींदों के ही इन पर छाये …
किस उल्फ्तों में खोये रहते हो ? Read More 
			दिलों में रहते हो याद बनकर, चलते हो हर कदम साथ बनकर, कभी अजनबी कभी हमसफर, जिंदा हो मेरे जीस्त में अहसास बनकर ! क्या कह गये तुम क्या कह …
जिंदा हो मेरे जीस्त में – Happy Friendship Day !! Read More