spring season

वसंत की ताक में ….

जाती हुई ठण्ड, पछिया हवा के थपेड़े, किसी रूठी हुई प्रेमिका की तरह का दिन, दोपहर जैसे खामोश और चिरचिरा, न कुछ बोलता न कुछ सुनना ही चाहता ! वो …

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ए मौत तू अब एक कविता नहीं …

मौत अब मौत नहीं सियासी उत्सव सा हो जाता, बन जाता उल्लास और मौका सबके लिए , लम्बी लम्बी गाड़ियाँ रफ्तार से आती , उतरते है कुछ लोग जिनसे उसका …

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Atal Bihari Vajpayee

अटल बिहारी वाजपेयी – राजनीति की आपाधापी से दूर …

अटल जी का व्यक्तित्व प्रखर रहा है ; जब वो सक्रिय राजनीति में थे उनको राजनैतिक सभाओं में सुनने का अवसर मिला था ; शांत चित्त संवेदनशील, बेबाक वक्ता, एक …

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naughty childhood poem

अब तेरी शैतानियाँ बढ़ गयी है …

घर में कोई छोटा जब शैतानियाँ करता बचपन याद आ जाता, एक कविता इसी बचपन और उसके कौतुहल के इर्द गिर्द !! अब तेरी शैतानियाँ बढ़ गयी है ; लिपटना …

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