वसंत की ताक में ….
जाती हुई ठण्ड, पछिया हवा के थपेड़े, किसी रूठी हुई प्रेमिका की तरह का दिन, दोपहर जैसे खामोश और चिरचिरा, न कुछ बोलता न कुछ सुनना ही चाहता ! वो …
वसंत की ताक में …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
जाती हुई ठण्ड, पछिया हवा के थपेड़े, किसी रूठी हुई प्रेमिका की तरह का दिन, दोपहर जैसे खामोश और चिरचिरा, न कुछ बोलता न कुछ सुनना ही चाहता ! वो …
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उसके आदत में शामिल हो , तुमने उसको वहीँ छोड़ा, ऐसे हाल में उसको छोड़ा, जैसे नशे की फ़िराक में, तड़पता सा कोई सख्स । हाँ नशे की आदत थी, …
तेरी आदत …. Read More
मौत अब मौत नहीं सियासी उत्सव सा हो जाता, बन जाता उल्लास और मौका सबके लिए , लम्बी लम्बी गाड़ियाँ रफ्तार से आती , उतरते है कुछ लोग जिनसे उसका …
ए मौत तू अब एक कविता नहीं … Read More
बस ओहदे बनने की होड़ में ; हमने इंसान बनना छोड़ दिया । तू मैं और मैं तू के शोर में ; हमने बातें सुनना छोड़ दिया । बस संदेशों …
पागल दुनिया …. Read More
अटल जी का व्यक्तित्व प्रखर रहा है ; जब वो सक्रिय राजनीति में थे उनको राजनैतिक सभाओं में सुनने का अवसर मिला था ; शांत चित्त संवेदनशील, बेबाक वक्ता, एक …
अटल बिहारी वाजपेयी – राजनीति की आपाधापी से दूर … Read More
घर में कोई छोटा जब शैतानियाँ करता बचपन याद आ जाता, एक कविता इसी बचपन और उसके कौतुहल के इर्द गिर्द !! अब तेरी शैतानियाँ बढ़ गयी है ; लिपटना …
अब तेरी शैतानियाँ बढ़ गयी है … Read More