आजादी २.०
ये कैसी आजादी की माँग है ; ये कौन लोग जो है समय समय पर भीड़ बनके आते है ; देश की आजादी का वर्तमान वर्शन जिसे पसंद नहीं ; …
आजादी २.० Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
ये कैसी आजादी की माँग है ; ये कौन लोग जो है समय समय पर भीड़ बनके आते है ; देश की आजादी का वर्तमान वर्शन जिसे पसंद नहीं ; …
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आम जनता को अपने त्रस्त जीवन में कब फुरसत है की महिशाषुर की जाति का पता करें और रावण के ननिहाल को खोजे, बस राजनेता सब काम छोड़ इसके पीछे …
महिशाषुर घोटाला ….. Read More
एक मित्र ने शाम की एक तस्वीर पर कुछ लिखने को कहा, कवि अनेकों नजरिये से परिभाषित कर सकता किसी चीज को, तो शाम की व्याख्या कुछ इस तरह … …
शाम की व्याख्या ….. ( Poetic Moods of Evening) Read More
प्रेम के विस्तृत स्वरुप को कविता की शक्ल देना कितना मुश्किल है, प्रेम की अभिव्यक्ति जितनी भी शब्दों में की जाए वो अधूरी सी छुट जाती ; तो प्रेम को …
प्रेम की अधूरी पड़ी कविता…. Read More
जाती हुई ठण्ड, पछिया हवा के थपेड़े, किसी रूठी हुई प्रेमिका की तरह का दिन, दोपहर जैसे खामोश और चिरचिरा, न कुछ बोलता न कुछ सुनना ही चाहता ! वो …
वसंत की ताक में …. Read More
उसके आदत में शामिल हो , तुमने उसको वहीँ छोड़ा, ऐसे हाल में उसको छोड़ा, जैसे नशे की फ़िराक में, तड़पता सा कोई सख्स । हाँ नशे की आदत थी, …
तेरी आदत …. Read More