खुदगर्ज़ ….
कितना खुदगर्ज़ दिन है चुपचाप से रोज बीत जाता न शाम से कुछ कहता, और रात तो कबसे खामोश सी है । इन तीनों का कुछ झगड़ा सा है, कोई …
खुदगर्ज़ …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
कितना खुदगर्ज़ दिन है चुपचाप से रोज बीत जाता न शाम से कुछ कहता, और रात तो कबसे खामोश सी है । इन तीनों का कुछ झगड़ा सा है, कोई …
खुदगर्ज़ …. Read More
ऐसे ही बात शुरू हुई जिंदगी और किताब की … सब कुछ कहीं न कहीं सोचा गया होगा, या कोई किताब होगी जिन्दगी की किताब जिसमें लिखा होगा कौन किसके जिन्दगी …
जिंदगी और किताब – Night & Pen Read More
लघु कविता क्षणिकाएँ है जो अनायास ही मष्तिष्क में आती लेकिन इनका जुड़ाव स्तिथि से, यादों से जरूर होता ! Yet Another Part of Two liners Hindi Poetry … #Sujit …
#SK – Two Liners – II Read More
अब कोई नज़्म नहीं लिखूँगा तुमपर देखों ये तुमने क्या कर दिया तुम्हारी नज़्म सा ही हो गया हूँ !! #Randomthoughts वहम था उन चेहरों का हँसना, यकीन यूँ ही …
#SK – Two Liners – I Read More
कुछ सादा फीका फाल्गुन था, तुम आते तो रंग चढ़ता थोड़ा, कुछ नीला पीला गालों पर, बालों से कुछ रंग झरता तेरा ! ऐसे तो हरपल यादों में रंगता, साथ …
तुम आते तो रंग चढ़ता थोड़ा …… Read More
जोगी रा सा रा रा होली का रैप है, इसके बिना होली अधूरी है, इसके बदले स्वरुप में आप डीजे वाले बाबू को तरजीह दे सकते लेकिन इसका स्वरुप बरसों …
जोगी रा सा रा रा ….. Read More