नव वर्ष के नए नभ में …
बुझते अलाव सा नहीं… दहकते आग सा बन, दृढ प्रतिज्ञ बढ़ो ऐसे, जीवन के विस्तार को बुन, थकन पाँव में या लगे कांटे, रुकना न तू अपनी रफ्तार को चुन, …
नव वर्ष के नए नभ में … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
बुझते अलाव सा नहीं… दहकते आग सा बन, दृढ प्रतिज्ञ बढ़ो ऐसे, जीवन के विस्तार को बुन, थकन पाँव में या लगे कांटे, रुकना न तू अपनी रफ्तार को चुन, …
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बालों के गुच्छों में एक चाँद है, जो कंधे पर सर रखके, सुकून के तरीके तलाशता है, सुबह सुबह घूँघट डाले आधे चेहरे तक, बरामदे पर धीमे क़दमों से चलती …
नया चाँद … Read More
कुछ दिन जब तुम नहीं बोलते, कुछ दिनों की चुप्पी होती, फिर बोलने लगती हर चीजें तुम्हारी तरह । सुबह सुबह खिड़की के पर्दो से झाँकती है धुप, तुम्हारी शक्ल …
कुछ दिन जब … Read More
Autumn marks the transition from summer into Winter ….. किसे न इश्क़ हो इस मौसम से ? ढलती रात अभी की, जैसे हवायें खुले खुले बदन से टकराकर अटखेली करती …
किसे न इश्क़ हो इस मौसम से ? #AutumnDays Read Moreऊँची लम्बी गाड़ी, खूब जोर का हॉर्न बजाती, बगल में आके झटके से ब्रेक लगाती, दिल धक् से रह जाता उस वृद्ध का, अंदर गाड़ी से ठहाके की आवाज आती है …
गाड़ी – (#MicroPoetry) Read Moreमैं उससे लड़ता हूँ, की थोड़ी सी ख़ामोशी तो हो, तुझे सोच सकूँ किसी नज्म की तरह, और तुझसे कहूँ तू खूबसूरत है शब्दों सी ! अल्लहड़ जैसे हरदम बोलना, …
प्रेम … Read More