अहसासों को कभी पूछना …

तुम अपने ताल्लुक के, अबूझ हिस्सों में मुझे कभी देखना, उस ओर भी एक दिलचस्प इंसान है, बिलकुल तुम्हारी उम्मीदों की तरह का ! उम्मीदों के पहाड़ सा ढक दिया …

अहसासों को कभी पूछना … Read More
Up election poem sattire

यूपी का चुनाव-प्रचार

जनता की सेवा के लिए हो गया, पिता पुत्र में भी तकरार, ये है यूपी का चुनाव-प्रचार ! इधर के उधर गए, और उधर के नजाने किधर गए, मिल बैठे …

यूपी का चुनाव-प्रचार Read More
who talks a lot

तुम भी कभी बहुत बोलते थे….

बातों का सिलसिला अब वैसा नहीं चलता, लम्बी फेहरिस्त होती थी बातों की, मैं पहले तो मैं पहले की तकरार, अब रुक रुक कर कभी कभार मैं कुछ पूछता, और …

तुम भी कभी बहुत बोलते थे…. Read More
newyearnewme

नव वर्ष के नए नभ में …

बुझते अलाव सा नहीं… दहकते आग सा बन, दृढ प्रतिज्ञ बढ़ो ऐसे, जीवन के विस्तार को बुन, थकन पाँव में या लगे कांटे, रुकना न तू अपनी रफ्तार को चुन, …

नव वर्ष के नए नभ में … Read More