झुरमुटों में कैद दिन
पेड़ों की झुरमुटों में कैद दिन और इस दिन की गिरफ्त में जिंदगी कितनी तपिश है पत्तों पर आग सी आभा जो जलाने को आतुर कुम्हला के भी मुस्कुराती ये …
झुरमुटों में कैद दिन Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
पेड़ों की झुरमुटों में कैद दिन और इस दिन की गिरफ्त में जिंदगी कितनी तपिश है पत्तों पर आग सी आभा जो जलाने को आतुर कुम्हला के भी मुस्कुराती ये …
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इस शाम में कुछ उदासियाँ अब ढलते सूरज के साथ और चढ़ गयी बढ़ गयी है भींगे आँखों में नमी और अँधेरों में खो गयी सुलह के सब रास्ते बंद …
इस शाम में … Read More
तुम अपने ताल्लुक के, अबूझ हिस्सों में मुझे कभी देखना, उस ओर भी एक दिलचस्प इंसान है, बिलकुल तुम्हारी उम्मीदों की तरह का ! उम्मीदों के पहाड़ सा ढक दिया …
अहसासों को कभी पूछना … Read More
जनता की सेवा के लिए हो गया, पिता पुत्र में भी तकरार, ये है यूपी का चुनाव-प्रचार ! इधर के उधर गए, और उधर के नजाने किधर गए, मिल बैठे …
यूपी का चुनाव-प्रचार Read More
बातों का सिलसिला अब वैसा नहीं चलता, लम्बी फेहरिस्त होती थी बातों की, मैं पहले तो मैं पहले की तकरार, अब रुक रुक कर कभी कभार मैं कुछ पूछता, और …
तुम भी कभी बहुत बोलते थे…. Read More
सड़कों के भी पाँव पखारे जाने लगे, लगता है नेता जी दौरे पर आने लगे ! लग गए विश्वकर्मा अब बनाने में पुल पुलिया नेताजी की गाड़ी जब चली जनता …
नेता जी – #MicroPoetry Read More