इश्क़ – 3
इश्क़ के कुछ रंग ऐसे भी .. रूठ के कुछ दूर है जाता, जो इश्क़ न होता तो, वो न लौट के आता ! #इश्क़ उसे मनाना नहीं आता, मुझे मनाने …
इश्क़ – 3 Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
इश्क़ के कुछ रंग ऐसे भी .. आओ रूठे से चेहरे को मनायें, इश्क़ है तो वो गिला भी करेगा । #इश्क़ इश्क़ आँखों से कैसे छलके, पेशानी पर शिकन की …
इश्क़ – 2 Read More
इश्क़ के कुछ रंग ऐसे भी .. वो सुई धागों में उलझी उलझी कहीं, कुछ नए रिश्तों में टाँके लगा रही थी !! #इश्क़ पायलों को नहीं है तहजीब का …
इश्क़ – 1 Read More
रात के तमाम पहर में वो चाँद अकेला रहा, कोई सिरफिरा आता तो लैम्पपोस्ट पर चढ़ चाँद से दो बातें कर लेता । तमाम रात उसे कुछ बादलों ने घेरे …
रात और चाँद Read More
हर रोज, सुबह की खिली धुप, और पंछीयों की चहचहाट, सी याद आओ तुम ! तुम्हारी बातें, खबर अख़बार की, हर सुबह हर पन्नों पर नजर आओ तुम ! चाय …
हर सुबह लौट आओ तुम … Read More
तुम्हारा कहना और मेरा बस सुनते जाना जरुरी था मन के एक उबाल का शब्दों में समा जाना और फिर तर से गले से कुछ न कह पाना दोनों तरफ …
जरुरी था …. Read More