
इश्क़ – 5
अजब कशमकश में घेर लेती ये जिक्र तेरी, हर कोशिश मेरी दूर जाने की कुछ काम ना आती ! #इश्क़ अलविदा से किसी और जहाँ में रह, मैं फिर भी …
इश्क़ – 5 Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
अजब कशमकश में घेर लेती ये जिक्र तेरी, हर कोशिश मेरी दूर जाने की कुछ काम ना आती ! #इश्क़ अलविदा से किसी और जहाँ में रह, मैं फिर भी …
इश्क़ – 5 Read Moreवो रिश्ते जो अबूझ थे अच्छे थे, ठूठ पेड़ की तरह, न कोई हलचल थी, न कोई हवाएँ और न ही बढ़ते वो किसी की तरफ, बिना पहचान के खड़े …
बेअदब अदब रिश्ते … Read Moreबारिश से भींगे ये रास्ते, चहलकदमी के निशान, पत्तों पर फिसलती बूंदे, उथले उथले गड्ढों में पानी, सूखे पत्ते कीचड़ से सने हुए, आसमान में मेघों का झुंड, रुक रुक …
सावन यूँ ही उतरा है आँगन में Read Moreएक सविंधान के रक्षक को भीड़ इसलिए मार देती की वो अपने कर्तव्य को निभा रहा था, भीड़ और मौत के सन्नाटे के बीच न कुछ सवाल है न जवाब , न …
भीड़ और मौत के सन्नाटे के बीच .. Read More