
शब्दों का इक हिस्सा !
मैं कई बार .. कई बार पढ़ रहा हूँ तेरे शब्दों का इक हिस्सा !! पुरे भी नहीं है वो, शायद वक्त की कमी, या मन में उधेरबुन रहा होगा …
शब्दों का इक हिस्सा ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
मैं कई बार .. कई बार पढ़ रहा हूँ तेरे शब्दों का इक हिस्सा !! पुरे भी नहीं है वो, शायद वक्त की कमी, या मन में उधेरबुन रहा होगा …
शब्दों का इक हिस्सा ! Read Moreये मौन रिश्ता ..कैसा ? जो अब कभी बयाँ ना होगा, जो सुना नहीं जा सकता.. या मौन जिसके शोर में, बहुत कुछ स्तब्ध सा हो गया ! एक मौन …
ये मौन रिश्ता …. Read Moreसाँझ जो पसरी धुँधला सवेरा, घासों की गठरी, वो मैला कुचैला, मटमैली हाथों में एक छोटा सा थैला, लौटते खेतों से,नित की यही बेला ! बैठे ताकों में नभ भी …
एक ख़ामोशी शब्दों पर फैला … Read More