तुम्हारा लौटना
कुछ दिनों के खामोशी के बादतुम्हारा लौटना ऐसे है जैसेतपते हुए किसी महीने के बादलौटता हो बारिश का मौसमउमड़ते हुए मेघों से भरा आसमांफुहारों से भींगे हुए सब रास्तेधुली हुई …
तुम्हारा लौटना Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
कुछ दिनों के खामोशी के बादतुम्हारा लौटना ऐसे है जैसेतपते हुए किसी महीने के बादलौटता हो बारिश का मौसमउमड़ते हुए मेघों से भरा आसमांफुहारों से भींगे हुए सब रास्तेधुली हुई …
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बारिश से भींगे ये रास्ते, चहलकदमी के निशान, पत्तों पर फिसलती बूंदे, उथले उथले गड्ढों में पानी, सूखे पत्ते कीचड़ से सने हुए, आसमान में मेघों का झुंड, रुक रुक …
सावन यूँ ही उतरा है आँगन में Read More
कैसे सावन आये तुम बिन गहने !छितिज धरा सब धुल उराये,नभ के बदल बन गये पराये, उमड़ घुमड़ तुम आते ऐसे !कसक मन की भी जाती जैसे,जग चर की तुम …
बरसों सावन – Waiting For Rain Read More