
इंसान हूँ हर पल सम्हलने वाला
मेरे सपनों को जलने दे, यूँ ही मुझे सुलगने दे ! तेरी नियत से क्या वास्ता मेरा, तू पत्थर है, हर कदम गिरने वाला, में इंसान हूँ हर पल सम्हलने …
इंसान हूँ हर पल सम्हलने वाला Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
मेरे सपनों को जलने दे, यूँ ही मुझे सुलगने दे ! तेरी नियत से क्या वास्ता मेरा, तू पत्थर है, हर कदम गिरने वाला, में इंसान हूँ हर पल सम्हलने …
इंसान हूँ हर पल सम्हलने वाला Read Moreसुख, चैन , और छिना मेरा शहर, और कहते मेरे खुदा तुम मुझसे .. अब तेरी मेरी बनती नही ! ! (: छूटे साथी और संग, बदला बदला हर रंग, …
अब तेरी मेरी बनती नही ! Read More