
बहुत बड़ा रंगमंच है ये जिंदगी !!
क्या खुद के विश्वास पर भी .. अविश्वास किया जा सकता ! उहापोह है इस प्रश्न पर .. अंतर्द्वंद भी बोझ भी ! बहुत बड़ा रंगमंच है; इस ओर से उस …
बहुत बड़ा रंगमंच है ये जिंदगी !! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
क्या खुद के विश्वास पर भी .. अविश्वास किया जा सकता ! उहापोह है इस प्रश्न पर .. अंतर्द्वंद भी बोझ भी ! बहुत बड़ा रंगमंच है; इस ओर से उस …
बहुत बड़ा रंगमंच है ये जिंदगी !! Read Moreलंबी समांतर रेखा खींचता हुआ ये काफिला जिंदगी का बहुत दूर हो आया था; ऐसे कितने दफा कोशिश की, साथ साथ चलती ये रेखाएँ काट के निकल जाये, अपने गंतव्य …
गंतव्यविहीन … In Night & Pen Read Moreबहुत द्वंद और एक बोझ जैसे पर्वतों की श्रृंखला, और रेगिस्तान सी राह में दूर जाता एक राही; विस्तृत अथाह सी राह में कभी इतना पीछे रह जाता; की चलना …
Reprise Something – Night & Pen Read Moreकल की दबी बिसरी झुंझलाहट; सुबह भी जारी थी सीढ़ियों से उतरते, घुमावदार बोझ सी लगती, ये चडाव और उतार सीढ़ियों की !झुंझलाहट उतार भी दे किसपर; उसपर जो अनसुना …
An Autumn Dreams – In Night & Pen With #SK Read Moreइन उम्मीदों की मंजिल क्या है .. ये सवाल अपने आप से पूछता अक्सर वो;वर्तमान से उस आने वाले समय की परिकल्पना कैसे उमड़ रही ! जैसे वो कहा रहा …
Not as a Stranger – Night & Pen Read Moreछोटी सी बात ये, कोई नयी नहीं थी; ऐसे तो इतने दूर के रास्तों में कितनी नोक झोंक थी !कुछ कहे कुछ अनकहे, अनेकों इतने लम्हें के सिलवटों में दबी …
कुछ अनकहे (Untalked) – Night & Pen Read More