नया चाँद …
बालों के गुच्छों में एक चाँद है, जो कंधे पर सर रखके, सुकून के तरीके तलाशता है, सुबह सुबह घूँघट डाले आधे चेहरे तक, बरामदे पर धीमे क़दमों से चलती …
नया चाँद … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
बालों के गुच्छों में एक चाँद है, जो कंधे पर सर रखके, सुकून के तरीके तलाशता है, सुबह सुबह घूँघट डाले आधे चेहरे तक, बरामदे पर धीमे क़दमों से चलती …
नया चाँद … Read More
वो जो रातों को अधजगा सा रखता, अजनबी संग देखो सब भेद है कहता, यूँ ही मन ही मन कुछ गुनगुनाता है रहता ! ये जो कुछ कुछ अपना सा …
इश्क़ ही है .. Read More