नया चाँद …
बालों के गुच्छों में एक चाँद है, जो कंधे पर सर रखके, सुकून के तरीके तलाशता है, सुबह सुबह घूँघट डाले आधे चेहरे तक, बरामदे पर धीमे क़दमों से चलती …
नया चाँद … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
बालों के गुच्छों में एक चाँद है, जो कंधे पर सर रखके, सुकून के तरीके तलाशता है, सुबह सुबह घूँघट डाले आधे चेहरे तक, बरामदे पर धीमे क़दमों से चलती …
नया चाँद … Read More
नव वर्ष जैसे बारह खानों में फिर सजेगी बिसातें, हर दिन की कहानी और किरदारों का रंगमंच ! कुछ कोसते हुए चालें चाली गयी होंगी, कुछ दंभ टूटा होगा किसी …
नव वर्ष – फिर सजेगी बिसातें ! Read More
एक पंछी उड़ता हुआ खुले आसमां में,क्या सपने उसके क्या मन में उसके,सहसा इच्छाओं का इर्धन खत्म सा हो गया ! बिना उर्जा के सीधा गिरता कटीले पथरीले झारियों में,बिखर …
एक उड़ान – Dead Dream in Sky Read More