धुंध में अजनबी
धुंध के दोनों पार बैठे हम वहम भी है होने का और नहीं भी तुम भी बोलते कभी कभी कभी कभी कुछ मैं भी कहता हूँ धुंध में खोये दो …
धुंध में अजनबी Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
धुंध के दोनों पार बैठे हम वहम भी है होने का और नहीं भी तुम भी बोलते कभी कभी कभी कभी कुछ मैं भी कहता हूँ धुंध में खोये दो …
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बहुत ही धुंध हो आई इस बरस ; कई रिश्ते धुँधले से हो आये ! बेरुखी भर आयी थी जस्बातों में ; इसको कभी ना वो समझ ही पाये ! …
बहुत ही धुंध हो आई इस बरस.. Read More