बारिश …
प्रकृति को महसूस करें तो कितने ही जीवन रंग इसमें छुपे है ; मानसून की बारिश रोज ही रुक रुक के होती, एक लम्बी उमस के दिनों के बाद जब …
बारिश … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
प्रकृति को महसूस करें तो कितने ही जीवन रंग इसमें छुपे है ; मानसून की बारिश रोज ही रुक रुक के होती, एक लम्बी उमस के दिनों के बाद जब …
बारिश … Read More
कैसे सावन आये तुम बिन गहने !छितिज धरा सब धुल उराये,नभ के बदल बन गये पराये, उमड़ घुमड़ तुम आते ऐसे !कसक मन की भी जाती जैसे,जग चर की तुम …
बरसों सावन – Waiting For Rain Read More
आज रात काली काली सी, कुछ रंगीली सवाली सी, अँधेरे में चुपके से बादल, छा गए जैसे वो पागल !! बुँदे दिखी बचपन की पहेली, पैर पटक बच्चों सी खेली, …
कल रात की बारिश – A Rainy Night Read More
आज हम भीगे यूँ जी भर के … ना डर था कोई रोक लेगा आ के हमे ! ना डर था माँ डाटेंगी यूँ भीगे कपड़ो को देख कर ! …
आज हम यूँ भीगे जी भर के – A Day In Rain Read More
यूँ बैठे थे की हवाओ ने रुख बदला और कुछ फुहारों ने मन को हर्षित कर दिया और कुछ मन मे आये भाव… देखो बह रही ये कैसी बहार, बरसी …
आई रे आई ये रिमझिम फुहार ! ! – It’s A Rainy Day Read More