स्नेह भी कभी मरता क्या ?
स्नेह भी कभी मरता क्या, फासलों से ये खामोश पड़ जाता, कुछ बातों से आँखों में तर हो जाता ! बेजान बेजार ही रह ये जाता मन में, सोचता फिक्र …
स्नेह भी कभी मरता क्या ? Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
स्नेह भी कभी मरता क्या, फासलों से ये खामोश पड़ जाता, कुछ बातों से आँखों में तर हो जाता ! बेजान बेजार ही रह ये जाता मन में, सोचता फिक्र …
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इन राहों से कितने बिछड़े,जहाँ हर सुबह महफ़िल बनती थी, पूछते थे खबर हर यारों की, तेरे रंग मेरे रंग बादलों सी सजती,मन सपने बुनती संवरती..और फिर धुँधली सी परती …
थे साथ कभी – All Together ?? Read More