शब्द लौटेंगे …

शब्दों का तूफान थमता नहीं ..
रुकता नहीं लौटता है ..
जैसे पंछी लौट आते है प्रवास से,
जरुर .. कुछ देर सिमट सा जाता ..
मौन होता .. चुप नहीं होता ;
वो कहता है .. अनुसना कितना भी ;
ये जिस्म थककर स्थिर हो जाता;
जख्मों आते और भर जाते,
लेकिन मन निरंतर चलता ..
अनवरत सफर पर अपने ..
घटाओं के संग .. वो बरसेंगे ..
गम में गमगीन हो लेंगे ..
इंतेजार में यादों में खो लेंगे ;
कभी चुपचाप हो रो लेंगे ..
शब्द लौटेंगे .. शब्द लौटेंगे !!

सुजीत

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About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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