
खामोशी भी उम्र भर निभायेगें ….
इक जैसे चेहरे कब से, ना भाव भंगिमा कुछ भी, पत्थर की मूरतें हो जैसे, सदियों से वैसे ही अब तक, शिकवे शिकन सजते रहे चेहरों पर, हमें इंसा होने …
खामोशी भी उम्र भर निभायेगें …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
इक जैसे चेहरे कब से, ना भाव भंगिमा कुछ भी, पत्थर की मूरतें हो जैसे, सदियों से वैसे ही अब तक, शिकवे शिकन सजते रहे चेहरों पर, हमें इंसा होने …
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