और तब …
और तब से आगे का किस्सा ? जहाँ रात को रोक के कल, हम और तुम कहीं चले गए थे, उस चाँद को गवाही बनाके, की फिर इसी वक़्त रोज, …
और तब … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
और तब से आगे का किस्सा ? जहाँ रात को रोक के कल, हम और तुम कहीं चले गए थे, उस चाँद को गवाही बनाके, की फिर इसी वक़्त रोज, …
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