प्रेम …

मैं उससे लड़ता हूँ, की थोड़ी सी ख़ामोशी तो हो, तुझे सोच सकूँ किसी नज्म की तरह, और तुझसे कहूँ तू खूबसूरत है शब्दों सी ! अल्लहड़ जैसे हरदम बोलना, …

प्रेम … Read More