पुराना रिश्ता – Night & Pen

उसने कुछ पूछा ..आदत तो ऐसे चुप रहने की ही थी,कम बोलना, चेहरे ऐसे जैसे शब्द दफ़न हो वर्षों से ;यूँ तो ये रात अक्सर साथ देती है मेरा,बयाँ करता …

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हर सातवें दिन – Night & Pen

आज यादों के कारवां से फिर वही सख्स,जैसे कल की हो तकरार !और हर दफा वो जाने के कोशिश करता की,इस बार नही लौट आने को,और उसकी ये नाकाम कोशिश …

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चंद सिक्के – Night & Pen

वक्त निकल रहा यूँ अपनी रफ़्तार से;सांसे भी खत्म हो रही अनगिनत रोज,जिंदगी बदल भी रही, आगे भी बढ़ रही;जब सोचता हूँ आगे एक दशक की बातें,लगता एक इंतेजार तो …

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