
दूसरी नींद
कुछ टूटे हुए काँच खिड़कियों के, जैसे सर्द हवाओं ने रुख देखा उसमें ! आधे ऊँघे परे पेड़ कुछ दुरी पर, और साथ उसके आसरे अंदर खोये हुए, लिपटी चुपचाप …
दूसरी नींद Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
कुछ टूटे हुए काँच खिड़कियों के, जैसे सर्द हवाओं ने रुख देखा उसमें ! आधे ऊँघे परे पेड़ कुछ दुरी पर, और साथ उसके आसरे अंदर खोये हुए, लिपटी चुपचाप …
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