शब्दो के दरमियाँ फासले बहुत थे – A Random Thoughts

शब्दो के दरमियाँ फासले बहुत थे , पर कुछ बातें तो निकली जुबान से ! अनसुनी न थी बातें मेरी , मगर गुस्ताख़ी का नाम दे गये ! यूँ तो …

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