बहुत ही धुंध हो आई इस बरस..
बहुत ही धुंध हो आई इस बरस ; कई रिश्ते धुँधले से हो आये ! बेरुखी भर आयी थी जस्बातों में ; इसको कभी ना वो समझ ही पाये ! …
बहुत ही धुंध हो आई इस बरस.. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
बहुत ही धुंध हो आई इस बरस ; कई रिश्ते धुँधले से हो आये ! बेरुखी भर आयी थी जस्बातों में ; इसको कभी ना वो समझ ही पाये ! …
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