अधूरा अक्स ..
अब सुबह की दो बातें, और रातों में उलझनों का बयाँ, क्या शायद तकलीफ दे रही थी ! कुछ दिन पहले ही तो खामोशी के, कई परतों को खोला था …
अधूरा अक्स .. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
अब सुबह की दो बातें, और रातों में उलझनों का बयाँ, क्या शायद तकलीफ दे रही थी ! कुछ दिन पहले ही तो खामोशी के, कई परतों को खोला था …
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