शोर ….
(वर्तमान परिदृश्य पर कुछ पंक्तियाँ …… ) कानों पर हाथ रख लेने से शोर खत्म नहीं होता, बस कुछ देर तक ही रोक पाते है, अपने आस पास के कोलाहल …
शोर …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
(वर्तमान परिदृश्य पर कुछ पंक्तियाँ …… ) कानों पर हाथ रख लेने से शोर खत्म नहीं होता, बस कुछ देर तक ही रोक पाते है, अपने आस पास के कोलाहल …
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