तुम बेवजह ही आ जाओ …
मेरे पास वजह नहीं कोई, तुम बेवजह ही आ जाओ, आके खोलो फिर पोटली, यादों की पोटली मैं भी खोलूँ, तुम रूठना निकालों उससे, मैं मनाने की कोई तरकीब, तुम …
तुम बेवजह ही आ जाओ … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
मेरे पास वजह नहीं कोई, तुम बेवजह ही आ जाओ, आके खोलो फिर पोटली, यादों की पोटली मैं भी खोलूँ, तुम रूठना निकालों उससे, मैं मनाने की कोई तरकीब, तुम …
तुम बेवजह ही आ जाओ … Read Moreकई मौसम इक इक करके बीते ; प्रवास के परिंदें इस बार नहीं लौटे ! सावन बीता शीत की रातें भी लौटी, लौटी बातें और सारी यादें भी लौटी, प्रवास …
प्रवास के परिंदें .. Read More