hindi poetry on come back love

तुम बेवजह ही आ जाओ …

मेरे पास वजह नहीं कोई, तुम बेवजह ही आ जाओ, आके खोलो फिर पोटली, यादों की पोटली मैं भी खोलूँ, तुम रूठना निकालों उससे, मैं मनाने की कोई तरकीब, तुम …

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migratory birds poem

प्रवास के परिंदें ..

कई मौसम इक इक करके बीते ; प्रवास के परिंदें इस बार नहीं लौटे ! सावन बीता शीत की रातें भी लौटी, लौटी बातें और सारी यादें भी लौटी, प्रवास …

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