
प्रकृति की ओर ..
दूर क्षितिज के एक छोड़ पर नदी किनारे शाम ढलती हुई ऊपर चाँद की दस्तक है ऐसे जैसे ठिठक गया है वक़्त रात और दिन के बीच कहीं इस अनवरत …
प्रकृति की ओर .. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
दूर क्षितिज के एक छोड़ पर नदी किनारे शाम ढलती हुई ऊपर चाँद की दस्तक है ऐसे जैसे ठिठक गया है वक़्त रात और दिन के बीच कहीं इस अनवरत …
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