शीत की आँगन !
सर्द हवाओं ने ये महसूस कराया; फ़िक्र लौट आयी थी उनकी आज ! फिर कुछ सरसरी हवा छु गयी होगी, फिर अब बचपन लौट गयी होगी ! ना मानी होगी …
शीत की आँगन ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
सर्द हवाओं ने ये महसूस कराया; फ़िक्र लौट आयी थी उनकी आज ! फिर कुछ सरसरी हवा छु गयी होगी, फिर अब बचपन लौट गयी होगी ! ना मानी होगी …
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