शब्दों का इक हिस्सा !

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मैं कई बार .. कई बार
पढ़ रहा हूँ तेरे शब्दों का
इक हिस्सा !!

पुरे भी नहीं है वो,
शायद वक्त की कमी,
या मन में उधेरबुन रहा होगा ??

कई कई बार वापस शब्दों को,
इधर उधर पलट रहा ..
सारे मेरे कई सवालों के ये,
नायाब तोहफे से मुझे लगते ये !

उसी कम शब्दों में से कुछ हिस्से,
मैं रख लेता बचाकर ..
क्या जाने बेरुखी कितनी लंबी हो फिर !

टूटते पलों को नजाने कैसे,
इक साख सा मिल जाता,
वो थोरे शब्द इस तरह है !

मैं कई बार .. कई बार
पढ़ रहा हूँ तेरे शब्दों का
इक हिस्सा !!

Some Pieces of Words – Sujit

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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