#SK – 100 Poems in 2014 : Rewind & Revival !!

शब्दों का सफर ..
थकन सी है मगर ,
विराम नहीं !

# मेरी सर्वाधिक पढ़ी गयी कविता २०१४ की

इस तरह जिन्दगी से कुछ पल उधार लेता हूँ !

# कुछ जीवन और मार्गदर्शन लेख

वंडरलैंड से – Every Morning Wake-up For Your Work Not Just For ur Job !

Three Dimensional View of Life – Come Out From Enigma!!

Are We Working for Bettered version of ourselves?

मायूसी को हँसी बनाएँ – Let’s Live Our Life Each Day With A Smile

जिंदगी अपनी है सवाल भी अपने – Outside Your Comfort Zone

Overwhelming chaos of living – My Quotes

# My English Poetry of 2014 

Wind Chimes – Micro Poetry

Subtle Stubborn Desires – Micro Poetry

Quiet Once – #Micro Poetry

Morning Rhyme – #MicroPoetry

Love of Prophet – #Micropoetry

It’s Now Insanity.. Poetry of Summer memoirs !!

# मेरी पसंदीदा कविता २०१४ की

एक गुड़िया परायी -२

# मेरे नन्हें साथी के लिए लिखी गयी कविता

Your Little Face …. Poem for Little One !!

मेरे नन्हें फ़रिश्ते …

# कुछ देश और समाज से जुडी कवितायेँ 

सरहदें – Wound of Kashmir

ओ कातिल हँसी के – Enemies of Humanity (Terror in Iraq)

तन मन से नमन हो अपने वतन की – #HappyIndependenceDay

# कुछ हटके 

Love in Inbox – #इनबॉक्स_लव

Love in Inbox – #इनबॉक्स_लव – 2

# राजनीती और व्यंग्य 

प्राइम् टाइम में आज .. कहने दो जी कहता रहे .. याहू !! (व्यंग्य)

प्राइम् टाइम – 2 में आज हम काले है तो क्या हुआ (व्यंग्य)

चुनाव सन माइनस २०१४ …

#PledgeToVote – वोट करें ……. !!

# My Audio Poetry – Recites Own Poem in My Voice 

एक पेड़ – Life of a Tree – Hindi Poem Recites By Sujit

#Book Review 

The Alchemist- अल्केमिस्ट पाउलो कोएल्हो – सपनों की अनूठी कहानी !

Series of #Sk Night & Pen

बहुत बड़ा रंगमंच है ये जिंदगी !!

कितना एकाकी है इस भागदौर में इंसान ?? – Thought with Night & Pen

Seashore – Night & Pen

रात की बारिश – Rainy Night & Pen

बोझिल शाम से सुकूने रात – पुरानी जीन्स के संग !!

Life @ Rooftop #ZindgiLive

गिरह – Knot of Life : #Night & #Pen !

शब्दों का कैनवास – Words on Canvas (Night & Pen) : #SK

 

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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