तेरा चेहरा अब …

your face hindi poem

your face hindi poemहृदय का एक कोना,
तुम्हारा एक हिस्सा था वहाँ,
तेरा चेहरा और कई तस्वीरें,
भरने लगा है वो,
उलझनों से अब,
जद्दोजहत तो होती है,
अकेले उन्हें हटाने की,
शायद रख पाता तुम्हें पर,
तुमने भी कोई कोशिश नहीं की !

ऐसे तो बसी है मन में,
एक सुन्दर कृति पुरानी,
रूखे रूखे रुख ने तेरे,
कुछ उसको भी तो घिस दिया,
जैसे रेगमाल रगड़ दिया हो किसीने,
कभी मेरे शब्दों के आईने से देखना,
तेरा चेहरा अब वैसा मासूम नहीं रहा !

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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8 Comments on “तेरा चेहरा अब …”

  1. Hello Mr. SK
    I went thru some of your writings and i really liked them, i mean there is honesty, there is complain, there is depth and in short it shows the sensitivity within u. and that was all enough to inspire me. (i perceive that u have very creatively harnessed ur pain so as to convert it to productivity and positivity)
    Thanks and regards.

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