प्राइम् टाइम – 2 में आज हम काले है तो क्या हुआ (व्यंग्य)

सरकार की सुस्तीकरन नीति से आज देश जहाँ तहाँ जल रहा, सर जी तुष्टि करण, सब गुड गोबड़ कर ही दिए अबे.. यार बीच में मत बोलों टेम्पो बिगड़ जाता समाचार का, वैसे क्या गलत है, सुस्ती करन किसी सरकार की किसी सरकार की तुष्टिकरण ! खुदो उकता जाते क्या बताये प्राइम टाइम में, इराक वाला का लुक्का लगा दिए .. जहाँ था कोई बम फोड रहा, कोई वेबसाइट हैक कर रहा, २-४ ठो विमान टिप लिये, अबे कितना मेहनत पैसा लगता इक जहाज बनाने में ! खैर लोग का जान का मतलब नहीं समझते बड़का जहाज का दर्द होगा उन्हें !

खबरों ता नहीं लाते तुम लोग ढंग से, का बताये आधा अधूरा क्या रोजा .. क्या रोटी कौन किसको खिला दिया ! अरे कोई रोटी रोटी करके पानी पी के दिन बिता देता, और कोई रोटी खा खा के बवाल काट रहा ! रोटी रोटी करके लड़वा दिए जाति धर्म पर, कौन समझाये गेहूं का आटा खेतबा में मेहनत से उपजता, उ नहीं पूछता की नमाज पढ़े हो की कीर्तन गाये हो !

इंडिया जीत गया फिरंगी से, हाँ उस दिन लगान आ रहा था, कोहली को बोले भुवन से सीखो, सेट्टिंग करो पर छक्का चौका मारते रहो, नहीं तो भुवन भुवनेश्वर हो जायेगा !! बाकी अब नहीं बोलेगे आपको पता ही है दिल्ली का है __ !!

सरकार वेबसाइट पर वेबसाइट छापे जा रही, अब काहे कहेंगे अच्छा या खराब आप लोग खुद समझये का जरुरी है ढेर, ट्विटर फेसबुक में मजा मरते उ भी वेबसाइटें है एगो ! बाँकी आप जनता जनार्दन है !

सर जी रुकिये रुकिये एक ब्रेकिंग न्यूज़ लाया हूँ ..

चलाये इसको तृषा लापता .. और सब ट्वीटर पर भी कह रहे लौट आओ तृषा .. सर जी न्यूज़ सीरियस है ।।
बकलोल ही रहोगे जिनगी भर .. न्यूज़ सीरियस नहीं सीरिअल है ।। का मने सर जी ।। काहे आजकल राजीव चौक में तकते उक्ते नहीं हो वहीँ तो बड़का पोस्टर लगा है .. लौट आओ तृषा .. कौन भगाया उसको घरवाले या बॉयफ्रेंड .. ड्रग्स या दोस्त ।। अरे टीवी कार्यक्रम का इ सब किया धरा नौटंकी है ! लौट आयेगी १०-२० एपिसोड के बाद और का !

सर जी कह रहे थे उ न्यूज़ थोड़ा सुना दीजये की, सर जडू मने जडेजबा को, लड़ाई पिट कर लिया, बोल्ये आपीएल खेल रहो हो का पियरका जर्सी में, इ उजरका जर्सी है टेस्ट मैच का होश से खेले !

अब बंद कर रहे प्राइम टाइम, बिजलियां का पलक खोल दो, अरे कहाँ हो बे, देख ससुरा फिर कैंडी क्रश खेलने लगा, नौकरिया से निकाल देगे हाँ कह रहे है !
सर जी गुस्सा दिला दिए ना – हम काले है तो क्या हुआ दिलवाले है ..हाँ कह रहे .. !!

Prime-time-final

Just For Humor – Sujit

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About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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