प्राइम टाइम – खेत खलिहान से (व्यंग्य)

indian farmer life

खेती व्यवसाय नहीं है ; कैसे होगा मिट्टी वाला पैर से उ लक्ज़री पॉलिश वाला मार्बल खराब नहीं हो जायेगा !
” भारत एक कृषि प्रधान देश है ” ; निबंध का पहला लाइन पहले भी आज भी ; परीक्षा में भी नंबर दिलाता किसान ; भारत एक कृषि प्रधान देश है; भाषण का पहला लाइन .. राजनीति में अव्वल बनाता किसान !! किसान बिज़नेसमैन बन गया तो मुआवजा नहीं लेगा उल्टा चंदा देगा !

चलते है किसान रैली की तैयारी की तरफ …

दस गो गहुम का गाछ उखाड़ के लेते आये ; अरे का करियेगा ऐसे ही अबकी गहुम नहीं हुआ है ; अरे इ गहुम गाछ बहुत काम का है इसको हाथ में लेके फोटो जो खिचाना है ; मुआवजा काल में खेती टाइप का कुछ गेटप बनाना पड़ता है !! इ थीम है सब को हाथ में गहुम मकई का गाछ लेके सुबह सुबह आना है ; हाँ कुरता पैजामा में थोड़ा धुरदा लगा लीजियेगा लगेगा जैसे डायरेक्ट खेत से संसद पहुँच गये है !!

और सर का करना है ; अरे ४-५ को लकड़ी का हल बना लेके लेते आएगा ; हल का का करेंेगे खेती सहिये में करियेगा का ; अरे नहीं हल नहीं लाना है मॉडल चाहिए हल का उ स्टेज पर खेती समारोह मनाना है न !!

एकाएक किसान प्यार देश में बढ़ गया है .. आपको नहीं हो रहा तो उपकार सिनेमा का गाना सुनिए “मेरे देश की धरती ; बैलों के गले में जब घुँघरु जीवन का राग सुनाते है” !! चलिये अब नेट न्यूट्रल है ही फेसबुक ट्वीट करते रहिये …..

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{आज प्राइम टाइम खेत खलिहान से }

Just For Humor – Sujit

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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